

गर्भावस्था की पहली तिमाही और सावधानियां। FIRST TRIMESTER OF PREGNANCY AND PRECAUTIONS. मां बनना एक आनंददायक अनुभव है। चाहे जानवर हो या इंसान सब में अपने बच्चों के प्रति ममतामयी मातृत्व की भावना होती है। गर्भावस्था का पता चलते ही पास पड़ोस और सगे संबंधियों से बिना मांगे परामर्श मिलने लगता है।इतनी सलाह कंई बार होने वाली मां और उसके परिवार को भ्रमित कर देती है।ऐसे में यह आवश्यक है कि भावी मां को कब, क्या करना है यह पता होना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार आरंभिक तीन माह (First Trimester)अति महत्वपूर्ण है। अगर पहली तिमाही में गर्भवती महिला सावधान रहे तो डिलीवरी न तो समय से पहले होती है और ना ही कोई शारीरिक विकार। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर पहली तिमाही के बारे में जानकारी दे रही हैं अनुभवी प्रेगनेंसी योग गुरु योगिता उपाध्याय:- कंई गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के आरंभिक समय में यानी पहली तिमाही(First Trimester) में लापरवाही करती हैं, जबकि यह समय अति महत्वपूर्ण और नाजुक होता है। इस समय गर्भ में भ्रूण विकसित होना आरंभ हो जाता है। इस समय शरीर भी शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल परिवर्तन से गुजरता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही ज्यादा जोखिम भरी होती है क्योंकि इस समय होने वाले बदलाव नए होते हैं। स्वाद में बदलाव व त्वचा में भी परिवर्तन आने लगते हैं। इस समय मूड स्विंग(mood swings) होना, चिड़चिड़ापन होना आम समस्या है।पहली तिमाही में मिसकैरेज (miscarriage) की आशंका सबसे ज्यादा होती है इस समय परिवार वालों को गर्भवती का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भावस्था में सावधानियां PRECAUTIONS DURING PREGNANCY. डॉक्टर्स के अनुसार गर्भावस्था के आरंभिक दिनों में ज्यादा भीड़- भाड़, रेडीशन वाली जंगह और प्रदूषण, तनाव आदि से बचना चाहिए। इसके अतिरिक्त लंबी यात्रा और उबड़- खाबड़ रास्तों पर यात्रा करने से बचना चाहिए।प्रातः समय में होने वाली थकावट से बचने के लिए नींबू पानी, नारियल पानी, अदरक की चाय पी जा सकती है।दिन- भर में तीन -चार बार तरल चीजें जैसे लस्सी, नारियल पानी, फलों का जूस, गुनगुना पानी पीएं, इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। पहली तिमाही में बच्चे के अंग विकसित होने लगते हैं! इसलिए भोजन सात्विक और पोषण से भरपूर होना चाहिए। गर्भावस्था में आहार FOOD DURING PREGNANCY. पहली तिमाही के आरंभ में आयरन, प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर भोज्य पदार्थ खाने चाहिए। अपने भोजन में दाल, सोयाबीन, पनीर, दूध-दही, पालक, गुड, अनार को शामिल करें। मौसमी फल और हरी पत्तेदार सब्जियां अवश्य अपने भोजन में शामिल करें। शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए क्योंकि प्रसव के समय काफी रक्त की आवश्यकता होती है और बच्चा भी फ्लूइड में ही रहता है।बच्चे के सही शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आपको अपना वजन पहली तिमाही में 2 किलो तक बढ़ाना चाहिए। इसके लिए आपको पोषण से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप किसी आहार विशेषज्ञ की सेवाएं भी ले सकते हैं।(CONTACT US FOR A PREGNANCY DIETITION) स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेते रहें CONTINUE TO CONSULT A GYNECOLOGIST. गर्भावस्था में पहली तिमाही(FIRST TRIMESTER) बहुत ही नाजुक होती है।इसलिए अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलते रहे और उन्हें अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताएं अगर आपको कोई भी समस्या है तो अपनी डॉक्टर को अवश्य बताएं। गर्भावस्था के समय घर में किसी को भी धूम्रपान न करने दें और अपने घर का वातावरण साफ, स्वच्छ व सात्विक रखें। क्योंकि इस समय गर्भवती स्त्री को मानसिक रूप से शांत रहने की अति आवश्यकता होती है क्योंकि मां की मानसिक दशा का उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर प्रभाव पड़ता है।यदि आप अत्यधिक चाय या कॉफी पीते हैं तो आप उसको कम करें। इस समय अधिक गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए क्योंकि गर्म पानी भ्रूण के विकास के लिए ठीक नहीं है।गर्म पानी का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि आप कोई भी दर्द निवारक दवाइयां या सप्लीमेंट लेते हैं तो अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। क्योंकि दर्द निवारक दवाइयों का अत्यधिक सेवन भूर्ण पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। गर्भावस्था में योग प्राणायाम और ध्यान करें DO YOGA PRANAYAMA AND MEDITATION DURING PREGNANCY गर्भावस्था में योग और ध्यान करने से सामान्य प्रसव की संभावना बढ़ जाती है और यह गर्भवती महिला के शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है। उसके लिए आप किसी अनुभवी प्रेगनेंसी योगा टीचर की सेवाएं ले सकते हैं।
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