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पद्मासन करने के आश्चर्यजनक लाभ संस्कृत भाषा में पद्म शब्द का अर्थ कमल होता
पद्मासन करने के आश्चर्यजनक लाभ
संस्कृत भाषा में पद्म शब्द का अर्थ कमल होता है |दोनों हाथ व पैरों की आकृति कमल पुष्प की पंखुड़ियों के समान दिखाई देने के कारण इस आसन को पद्मासन कहा जाता है |
विधि-
दोनों पैरों को सामने की तरफ सीधा रखें | दाहिने हाथ से बायाँ पैर को उठाते हुए अपनी जंघा पर रखें व बाएं हाथ से दाएं पैर को उठाकर दूसरी तरफ जंघा पर रखें | दोनों घुटनों को जमीन से स्पर्श करने का प्रयास करें| कमर, गर्दन को सीधा रखें व दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर ज्ञान मुद्रा में रखें | धीरे-धीरे लम्बे व गहरे श्वास लें व मन को श्वास-प्रश्वास की गति पर केन्द्रित करने का प्रयत्न करें |
लाभ -
इस आसन को करने से चित्त एकाग्र होता है व मन शांत होता है | इस आसन में कुछ समय बैठने से मानसिक तनाव कम होता है शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में वृद्धि होती है | यह एक ध्यानात्मक आसन है |इस आसन को करने से पैरों की मांसपेशियों का व्यायाम होता है | घुटनों की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है |
सावधानियां-
इस आसन को करने से पूर्व सूक्ष्म व्यायाम को करना चाहिए जिससे शरीर में रक्तसंचार ठीक से हो सके | प्रारंभ में केवल एक ही पैर को मोड़कर जंघा पर रखकर इस आसन में बैठने का अभ्यास करना चाहिए | आरम्भ में कम समय के लिए पद्मासन में बैठने का प्रयास करना चाहिए , धीरे-धीरे समय को बढाना चाहिए | भोजन करने के पश्चात इस आसन को नहीं करना चाहिए |
आरम्भ में योग आसनों का अभ्यास प्रशिक्षित व अनुभवी योगशिक्षकों की देखरेख में ही करना चाहिए | यदि आप अपने घर पर ही योग्यशिक्षकों के मार्गदर्शन में योगाभ्यास करना चाहते हैं तो YOGSUTRAA YOGA AT HOME से सम्पर्क करें |