

करवाचौथ के व्रत में गर्भवती महिलाएँ रखे विशेष सावधानी! भारत त्यौहारों का देश है! भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए करवाचौथ का व्रत रखा जाता है! यह व्रत निर्जला होता है अर्थात व्रत में पानी भी नहीं पिया जाता है! करवाचौथ का व्रत, 15-16 घंटे का होता है! परंतु जो महिलाएँ गर्भवती हैं उनको करवाचौथ का व्रत रखना चाहिए? या व्रत को किस सीमा तक रखा जा सकता है! क्योंकि आयुर्वेद में गर्भवती के लिए व्रत- उपवास का निषेध किया गया है! क्योंकि गर्भावस्था में व्रत रखने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है और गर्भवती को वायु बनना, जिस मिचलाना, चक्कर आना जैसी समस्या हो सकती है! "PREGNANACY YOGA WITH YOGITA" की सह संस्थापक और प्रीनेटल योगा एक्सपर्ट योगिता उपाध्याय का कहना है कि " गर्भवती महिलाओं को करवाचौथ का व्रत प्रतिकात्मक रूप से रखना चाहिए और हर दो घंटे बाद फल और नारियल पानी का सेवन करना चाहिए नही तो स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसे की ब्लड शुगर का लेवल बढ सकता है! व्रत रखने से पहले गाइनैकोलजिस्ट से सम्पर्क अवश्य करें: करवाचौथ का व्रत निर्जला (बिना पानी) के होता है और यदि गर्भवती महिला व्रत के दौरान दिन भर बिना पानी के रहे तो इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है और शरीर में हाइपोग्लाइसिमिक शुगर का स्तर भी कम हो जाता है, जोकि माँ और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए ठीक नहीं है इसलिए अपनी गाइनो से व्रत रखने से पहले परामर्श अवश्य करें! गर्भवती महिलाओं द्वारा व्रत में रखे जाने वाली सावधानियां:- 1. प्रातः सरगी लेते समय ध्यान रखें की सरगी कम तला हुआ और कम कार्बोज वाला भोजन लेना चाहिए इससे प्यास कम लगेगी और भारी भोजन पचने में ज्यादा समय लेता है जोकि असहज कर सकता है! 2. सरगी के समय दूध, फल, सुखे मेवे और नारीयल पानी का सेवन करना चाहिए इससे प्यास कम लगेगी और लम्बे समय तक भूख नही लगेगी! 3. निर्जला व्रत न रखे और प्यास लगने पर पानी पी लें! 4. यदि व्रत में ज्यादा समस्या हो रही हो तो ईश्वर से क्षमा मांग कर व्रत खोल लें और इन मंत्रों का 11 बार जाप करें:- आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्! पूजा चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर!! मंत्रहीन क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन! यत्पूजितं मया देव! परीपूर्ण तदस्तु में!! 5. शाम के समय कथा सुनने के बाद फल, दूध, सुखे मेवे अवश्य लें नही तो चक्कर आना, उल्टी, बेहोशी आदि परेशानी हो सकती है! 6. दिन भर आराम करें! चाय और काफी नहीं लेनी चाहिए इससे वायु बनना और एसिडिटी की समस्या हो सकती है! 7. व्रत में पाचन प्रणाली धीमी हो जाती है, अत: व्रत खोलते समय एक दम से तलाक हुआ और गरिष्ठ भोजन न करें अपितु पहले नारियल पानी या दूध तत्पश्चात हल्का और सात्विक भोजन जैसे कोई कम तली हुई तरीदार सब्जी और चपाती या फलों की स्मूदी!
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