

कार्तिक मास ( नवम्बर ) में योग नवम्बर माह में शीत का प्रभाव बढना आरम्भ हो जाता है इस कारण हमारी शारीरिक गतिविधियाँ कम होने लगती है व शरीर भी स्थूल होने लगता है |उच्च रक्तचाप , निम्नरक्तचाप आदि बढ़ने लगते है | जिसका प्रभाव हमारे शरीर के अंग-प्रत्यंग पर पड़ने लगता है | परिणाम स्वरूप ह्दय रोग, लीवर व किडनी रोग स्वतः ही हमारे शरीर में आ विराजते हैं | इसलिए आवश्यक है कि आप योग्य शिक्षक की देखरेख में नियमित अथवा सप्ताह में कम से कम ३ दिन योगाभ्यास, प्राणायाम व सूक्ष्मव्यायाम के साथ - साथ कुछ विशेष शारीरिक क्रियाओं का अभ्यास भी करें |इस ऋतु में शारीरिक गतिविधि की न्यूनता के कारण शरीर में प्राणवायु (ऑक्सीजन) की भी कमी होने लगती है जिसका दुष्प्रभाव हमारे मन, मस्तिष्क पर पड़ता है |जीवन को निरोगी व स्वस्थ जीवन बनाने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें |
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